उतारें नयन आरती ये तुम्हारी .
तुम्हीं ,जो ,वतन के लिये डट गये थे ,
सभी मोहमाया यहीं रख गये थे.
पुकारा जभी मातृ-भू ने तुम्हें ,
ख़ुद महाकाल बन जूझने चल दिये थे
तुम्हरी कुशलता मनाऊँ हरेक पल ,
गगन भर सितारे निछावर तुम्हारी !
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शनिवार, 26 दिसंबर 2009
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