शनिवार, 5 दिसंबर 2009

थकान

*
कभी ऐसा भी होता है
जब हाथ-पाँव ,
लगता है,
जैसे अपने बस में न रहे हों ,
चलना नहीं चाहते !
जवाब देने लगते हैं !
कहना पड़ता है उनसे -
जब मैं जीवित हूँ ,
तुम क्यों मरे जा रहे हो !
*

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