*
बीतते बरस लो नमन !
*
जुड़ गया एक अध्याय और ,
गिनती आगे बढ़ गई ज़रा ,
जो शेष रहा था कच्चापन ,
परिपक्व कर गए तपा-तपा .
आभार तुम्हारा बरस ,
कि
तोड़े मन के सारे भरम !
*
फिर से दोहरा लें नए पाठ,
दो कदम बिदा के चलें साथ .
बढ़ महाकाल के क्रम में लो स्थान ,
रहे मंगलमय यह प्रस्थान !
चक्र घूमेगा कर निष्क्रम ,
नये बन करना शुभागमन !
अभी लो नमन !
*
- प्रतिभा.
बीतते बरस लो नमन !
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जुड़ गया एक अध्याय और ,
गिनती आगे बढ़ गई ज़रा ,
जो शेष रहा था कच्चापन ,
परिपक्व कर गए तपा-तपा .
आभार तुम्हारा बरस ,
कि
तोड़े मन के सारे भरम !
*
फिर से दोहरा लें नए पाठ,
दो कदम बिदा के चलें साथ .
बढ़ महाकाल के क्रम में लो स्थान ,
रहे मंगलमय यह प्रस्थान !
चक्र घूमेगा कर निष्क्रम ,
नये बन करना शुभागमन !
अभी लो नमन !
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- प्रतिभा.