tag:blogger.com,1999:blog-7110775661533879329.post6121058448098693597..comments2023-03-31T05:00:55.865-07:00Comments on स्वर-यात्रा: कथा एक -प्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7110775661533879329.post-42568600578946519892011-01-26T11:58:37.522-08:002011-01-26T11:58:37.522-08:00इस मेले की यह आवा-जाही जो दिखती है, हर संझा को खाल...इस मेले की यह आवा-जाही जो दिखती है, हर संझा को खाली हो जाता सूनसान ,<br />थक कर चुपचाप बैठ जाती तरु के तल में दिनभर की चलती थकी हुई यह घूम-घाम.<br /><br />बहुत अच्छे शब्द...''आवाजाही का पेड़ तले विश्राम हेतु बैठ जाना.....'' पहली बार एकदम समझ ही नहीं आया...fir samajh gayi..:)<br /><br />और.. <br /><br />''कहने को तो कुछ तो नहीं बचा चुपचाप चलें जब तक राहें मुड़ जाएँ अपनी कहीं और.''<br /><br />हम्म..सही कहतीं हैं आप....आजकल तो डर के साथ साथ अजनबियत इतनी बढ़ गयी है...कि ट्रेन में बैठा हर सहयात्री...राजनीति या क्रिकेट पर बहस करने कि बजाये...बाबा रामदेव के विभिन्न योग करना पसंद करता है...... <br />:)<br /><br />''इस पथ के जाने कितने ऐसे किस्से हैं ,संवाद वही ले पर पात्र बदलते बार बार ''<br /><br />ये बात आपके लिए और अन्य लेखकों के लिए भी कितनी सत्य हैं....जैसे मुझे बहुत सी भूली बिसरी बातें आपके शब्दों ने याद दिलायीं...कल कोई और होगा...उसका दूसरा अनुभव होगा.....आप वहीँ रहेंगी...आपके शब्द वही रहेंगे......ये शब्द भी जाने कितनी मनोदशाओं को मनोभावों को मूक दृष्टि से देखते हुए अपने आप में विलय कर लेंगे।<br /><br />आपकी 'कथा' पढ़कर अच्छा लगा...आपके संस्मरण बहुत अच्छे होंगे....लिखते होंगे आप तो मैं ढूंढकर पढूंगी.....नहीं लिखते तो निवेदन है...लिखियेगा प्रतिभा जी....:)Taruhttps://www.blogger.com/profile/08735748897257922027noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7110775661533879329.post-71607217822735596462010-09-06T19:56:23.242-07:002010-09-06T19:56:23.242-07:00बहुत सुंदर भाव से पिरोई प्रस्तुति।
हिन्दी का प्रच...बहुत सुंदर भाव से पिरोई प्रस्तुति।<br /><br /><b>हिन्दी का प्रचार राष्ट्रीयता का प्रचार है। </b><br /><br /><a href="http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/09/blog-post_07.html" rel="nofollow"> हिंदी और अर्थव्यवस्था, राजभाषा हिन्दी पर, पधारें</a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7110775661533879329.post-77384856168785090752010-09-06T16:03:24.792-07:002010-09-06T16:03:24.792-07:00बहुत खूब!!बहुत खूब!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com